अतीत बन जाएगा मेडिकल काउंसिल, विधेयक सोमवार को
सेहतराग टीम
देश में अबतक मेडिकल शिक्षा का नियामक रहा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया जल्द ही अतीत की बात बन जाएगा और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग इसकी जगह ले लेगा। देश में नए मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी देने के मामले में एमसीआई के अधिकारियों पर करोड़ों की रिश्वत लेने के आरोप लगते रहे हैं और यह भी माना जाता है कि एमसीआई बदलती दुनिया के साथ मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में अपेक्षित बदलाव नहीं कर पाया है।
इसी के कारण वर्तमान सरकार ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भंग कर दिया है। वर्तमान में एमसीआई की जगह बोर्ड ऑफ गवर्नर्स काम कर रहा है। लेकिन जल्द ही इसकी जगह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग काम करेगा।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक लोकसभा में 22 जुलाई को पेश किया जाएगा जो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का स्थान लेगा। इसका उद्देश्य देश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की शुरुआत करना है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को दी।
मंत्री ने कहा कि विधेयक शुक्रवार को संसद में पेश किया जाना था लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से इसे पेश नहीं किया जा सका।
हर्षवर्धन ने कहा, ‘मैं अभी सिर्फ इतना कह सकता हूं कि परसों (22 जुलाई को) मैं राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक पेश करूंगा, जो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह लेगा।’
उन्होंने यहां काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च (सीएसआईआर) - इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी में आयोजित एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा, ‘इस वक्त मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह पहले ही बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने ले लिया है।’
हर्षवर्धन ने उम्मीद जतायी कि विधेयक पारित हो जाएगा और कानून बनेगा। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गयी है... मैं सोच रहा था कि इसे शुक्रवार को पेश किया जाए लेकिन कुछ तकनीकी औपचारिकताओं के कारण अब इस विधेयक को सोमवार सुबह संसद में पेश किया जाएगा।’
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